अब भी प्रचुर प्रकाश छिपा है, इस अंधेर नगरी में,
लेकिन प्रथम उपाय है प्यारे अपना घर जला कर देखो।
मिलेगी रोती सच्चाई, यदि विधि का कवच हटाकर देखो,
न्याय के ठेकेदार हैं जो, उनको अभियुक्त बनाकर देखो !
समता के इतने विषम प्रयोग लोकतंत्र में होते हैं,
न्याय कह रहा संविधान से, "समता खंड" हटाकर देखो !!!
..........(पुरानी डायरी से, जब मैंने वकालत शुरू किया )
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behatareen,
ReplyDeleteन्याय के ठेकेदार हैं जो, उनको अभियुक्त बनाकर देखो !
समता के इतने विषम प्रयोग लोकतंत्र में होते हैं,
न्याय कह रहा संविधान से, "समता खंड" हटाकर देखो !!!