Sunday, December 5, 2010

मौन गगन

लहरों ज्वार भाटे में प्रतिपल प्रश्न उभरते हैं,
मौन गगन का समाधान समझाए कौन समुंदर को।
व्याध बिचारे की गलती से पार्थिव कृष्ण प्रयाण किये ,
अब अर्जुन को कौन दिखाए विश्वरूप के मंजर को।
वक्र वसिष्ठ विश्वमित्र पर वेदव्यास को खोजे कौन,
चिर समाधि में गोरख लीन जगाये कौन मछंदर को।

जारी .....

1 comment:

  1. मौन गगन का समाधान ...समझाए कौन समंदर को ..
    वाह !

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